कितने ही लोग अपनी महानता साबित करने के लिए झाड़ू उठाकर कुछ दिन साफ़-सफाई करते हैं, नारे लगते हैं और फिर घर जाकर बैठ जाते हैं। लेकिन वहीँ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपना नाम अखबार में नहीं छपवाना चाहते और नाही कोई दिखावा करते हैं। उनका मक़सद केवल एक ही होता है देश को साफ़ रखना। ऐसा ही एक उदाहरण हैं दांडी के रहने वाले कालू डांगर। गुजरात के सभी बीच में सबसे साफ़ बीच “दांडी बीच” है जिसकी वजह कोई और नहीं बल्कि यह आदमी है जो पिछले चार वर्षों से दांडी बीच की सफाई को अपना सर्वोपरि कार्य मानते हैं। इनकी कहानी जानने के लिए देखें यह जोश Talk।
40 वर्षीय कालू डांगर एक सामाजिक वैज्ञानिक हैं। उन्होंने अपनी पढाई सामाजिक कार्य के विषय में की है और साफ़- सफाई का महत्तव समझते हुए, वे प्रतिदिन सुबह 6 :30 बजे अपना घर छोड़ कर हाथों में एक बड़ा सा बैग लेके दांडी बीच की सफाई करने निकल जाते हैं। वे दांडी बीच के सामने का लगभग 3 वर्ग किलोमीटर तक की जगह में आगन्तकों द्वारा फैलाय हुए कचड़े को खुद उठाते हैं। 2 घंटे तक लगातार सफाई करने के बाद डांगर चौपाटी के सामने के प्रवेश द्वार और गार्डन को साफ़ करते हैं। साथ ही आगन्तकों के पीने का पानी भी वे स्वयं ही वहां रखते हैं।
कालू डांगर का कहना है कि उन्होंने ना जाने कितनी ही बार वहां घूमने आय आगन्तकों को व वहां काम कर रहे लोगों को समझाया है कि कचड़ा ना फैलाएं लेकिन लोगों को समझ ही नहीं आता। तो फिर उन्होंने बोलना ही बंद कर दिया और खुद ही सफाई करते हैं। देश के प्रति ज़िम्मेदारियाँ किसी को समझाई नहीं जा सकती जब तक लोगों को खुद इस बात का एहसास ना हो। समाज को बदलना है स्वच्छ रखना है तो हमें खुद ही कदम उठाने होंगे।