“जो दिल कहे वो करने की कोशिश ज़रूर करो” : व्रजेश हिरजी

आपसे लोग क्या चाहते हैं और आप खुद से क्या चाहते हैं इन दोनों बातों में ज़मीन-आसमान का अंतर होता है । व्रजेश हिरजी जिन्हें हम गोलमाल रिटर्न्स जैसी बहुत सी लोक प्रिय फिल्मों में देख-चुके हैं उनका सफर भी आसान नहीं था। एक तरफ उनका परिवार चाहता था कि वे ट्रैवल एजेंसी खोल लें लेकिन उन्हें तो कुछ और ही मंज़ूर था। वे हमेशा से एक एक्टर बनना चाहते थे ताकि लोगों का मनोरंजन कर सकें। हिरजी की कहानी जानने के लिए देखें यह जोश Talk।

 

इस टॉक के दौरान व्रजेश ने कुछ बातें एक दम साफ़ कर दी कि जब ज़िन्दगी आपकी है, आपको खुद जीनी है, मुसीबतें खुद झेलनी हैं तो फिर दूसरों के अनुसार अपने जीवन के लक्ष्य आधारित करने की कोई ज़रूरत है ही नही। उन्होंने एक्टर बनने से पहले यह नहीं सोचा था कि वे टीवी के या फिल्मों के या फिर थिएटर एक्टर बनेंगे, उनका लक्ष्य केवल एक्टर बनना था। उन्होंने अपने काम पर खूब ध्यान दिया खूब सीखा और आज वे टीवी, फिल्म और थिएटर सब में काम कर चुके हैं।

यदि आप अपने आप को बेहतरीन बनाना चाहते हैं तो अपनी तुलना दूसरों से करना बंद करें। एक सफल व्यक्ति वही होता है जो अपनी तुलना हमेशा खुद से ही करता है। हमें बस यही कोशिश करनी चाहिए कि हम हर दिन अपने आप से बेहतर बनें। अपने काम में सुधार लाएं और अपनी कमियों को खत्म करके उनमें निपुण बनें। दूसरों से तुलना करने पर केवल हमारा मनोबल कमज़ोर होता है और वहीँ खुद से बेहतर बनने पर आत्मविश्वास बढ़ता है।

“डर से डरो नहीं, डर का मज़ा लेना सीखो ” व्रजेश कहते हैं कि अपने दिल की बात सुनकर उसे पूरा करने में अगर डर लगे तो उसका हिम्मत से मुकाबला करो। अपनी ख्वाइशों को एक बार मौका तो ज़रूर दो उन्हें पूरा करने की एक कोशिश तो बेबाक होकर करो।