लक्ष्य यानी Aim , हम सभी के पास जीवन के प्रत्येक पड़ाव में कोई न कोई लक्ष्य अवशय होता है। जीवन में लक्ष्य का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि उससे हमारी ज़िन्दगी को एक उचित दिशा मिलती है। यदि आप की ज़िन्दगी में कोई उद्देश्य या लक्ष्य है ही नहीं तो आप एक दिशाहीन जीवन व्यतीत कर रहे हैं जो की व्यर्थ है।
रत्नेश पांडेय ने जोश Talks में कहा था – ” जीने की इच्छा और भय का निष्कासन, आपको मुश्किल लक्ष्य भी प्राप्त करा सकता है।” तो खुद को निडर बनाइए और एक इच्छा रखिए कि हमें ये करना है तो आप उस काम में अवशय सफल होंगे।
लक्ष्य क्या होता है ?
लक्ष्य की परिभाषा आज के समय में मानो देश का युवा भूल ही गया है। आधे दूसरों को देखकर वही करना चाहते हैं और बाकियों का कोई लक्ष्य है ही नहीं “जो जैसा है वैसा ही चलने दो” वाली सोच अपनाते जा रहे हैं। जीवन में सम्पन्नता, आत्मविश्वास और एक सम्मान प्राप्त करने के लिए मनुष्य के जीवन में एक निश्चित उद्येश्य या लक्ष्य का होना अनिवार्य है। लक्ष्य यानी हमारे पास एक निश्चित दिशा होना कि हमे यही करना है। लक्ष्य विहीन इंसान क्रिकेट के खेल में उस गेंदबाज़ की तरह होता है जो गेंद तो फेकता है परन्तु सामने विकेट नहीं होते।
लक्ष्य प्राप्ति में योजनाओं का महत्तव!
योजनाएं यानी कुछ ऐसी निश्चित प्रक्रियाएं जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचाने का काम करती हैं। सही योजनाओं का निर्धारण हमें लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग बताता है, जिन पर चलकर हम मंज़िल की ओर बढ़ते हैं। इसलिए योजनाओं के निर्धारण में हमें बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यदि योजनाएं विफल होती हैं तो हम अपने लक्ष्य से दूर हो जाते हैं। अब योजना तो बना लें पर यह नहीं होना चाहिए कि बस योजना बना ली और अब बैठे हैं, इसके अलावा यह भी ज़रूरी है कि हम योजना के अनुरूप सही गति से आगे बढ़ते रहें। इसलिए योजना वही बनाओ जिसका तुम सही तरीके से पालन कर सको।
विभा आनंद ने अपनी जोश Talk में कहा – “मंजिल निश्चित करो, रास्ता खुद मिल जाएगा।” लक्ष्य निश्चित होने पर उसे कैसे पाया जा सके इसके रास्ते आपको अनेक मिल जाएंगे पर उनमें से कोनसा आपके लिए उपयुक्त है इसका चुनाव आपको ही करना होगा।
प्रयास करने से ना मुकरें !
प्रयास हम सभी के पास एक ऐसा हथियार होता है, जिसके माध्यम से हम कभी पीछे नहीं हटते, हार नहीं मानते और अंततः इसके सहारे अपनी मंज़िल को पा सकते हैं। प्रयास करने में हर्ज़ ही क्या, हर बार एक नए तरीके से कोशिश तो की ही जा सकती है। इसलिए जीवन की किसी भी परिश्थिति में हताश होकर प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए। प्रयास और परिश्रम, दोनों ही आपस में जुड़ें हैं और सफलता की राह में इनका कोई विकल्प नहीं है।
विक्की रॉय ने अपनी जोश Talk के दौरान कहा – “परिश्रम सफलता की वो चाबी है जो आपकी किस्मत बदल सकती है।” तो अब अगर किस्मत में बदलाव लाना है तो खुद ही मेहनत करके आएगा अपने आप नहीं।