कौन सफल होना नहीं चाहता?
दुनिया में सबसे अलग दिखने का सपना किसका नहीं होता?
ऊंचे मुकाम हासिल करना सभी की ख्वाहिश होती है। जब ख्वाहिश खुद की होती है तो फिर हम ये क्यों अपने दिमाग में बिठा के रखते हैं कि हमे उनके जैसे बनना है। यदि सपने आपके हैं, ख्वाहिशे आपकी हैं, मुकाम आपकी पसंद के हैं तो फिर किसी और के जैसा क्यों बनना।
क्यों न खुद की ही एक पहचान बनाई जाए। यानी हम सभी को अपना खुद का Thumb Impression ढूंढ़ना चाहिए। जब हमारी छाप ही अलग है तो क्यों माँ-बाप, दोस्तों या फिर और लोगों की वजह से अपनी पहचान का चुनाव करना। वो करो जो तुम चाहो, जो तुम्हारा सपना है, जिसमें तुम उत्तम हो।
जोश Talks स्पीकर परेश गुप्ता ने कहा – “अपना Thumb Impression ढूंढो क्योंकि तुम अलग हो।”
क्यों आवश्यक है खुद की पहचान?
हमारे आस-पास हम हज़ारों ऐसे लोग देखते हैं जो कहीं न कहीं अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि क्या ये दुनिया सभी को याद रखेगी। तो इसका जवाब है- बिल्कुल नहीं ! क्योंकि इस दुनिया का रिवाज़ ही यही है जो कुछ अलग और नया अपने अंदाज़ में करते हैं तो ही आपका नाम विश्वप्रसिद्ध हो पाता है।
हमें बचपन से यही सिखाया जाता है कि ये देखो इन्होंने यह महान काम किया तुम भी इन्हीं के जैसे बनना। क्यों किसी के जैसे बनना है, खुद का कुछ करो जिसमें आपकी रूचि हो, जो आप किसी के डर से नहीं बल्कि प्यार से कर सको।
जोश Talks स्पीकर शीतल भान ने कहा- ” जो भी काम करो डर के नहीं बल्कि प्यार से करो।”
दूसरों की Copy मत करो!
किसी को अपना Ideal मत बनाओ से तात्पर्य यह है कि सफल होना है तो दूसरों की नक़ल नहीं करनी है। क्योंकि नक़ल से सिर्फ बराबरी हो सकती है उनसे ऊपर नहीं उठा जा सकता और नाहीं खुद की पहचान बनाई जा सकती है। आप उनके गुणों को अपना सकते हैं परन्तु उन्हीं के जैसा बनना है यह सही नहीं है। एक पुरानी कहावत है कि -“जब लोग आपकी नक़ल करने लगें तो समझ जाना कि आप अपने जीवन में सफलता की ओर बढ़ रहे हैं।” यह कहावत साफ़ बताती है कि नक़ल उन्हीं की होती है जो कुछ अलग करके सफल होते हैं तो बस आप भी नक़ल नहीं खुद के विचारों और नीतियों से अपनी दिशा बनाएं।
जोश Talks स्पीकर मेधांश मेहता ने कहा- “मुकाबला खुद से करें, दूसरों से नहीं।”
क्यों ज़रूरी है नया करने और सीखने की लगन?
व्यक्ति की उम्र चाहे जो भी हो, उसे सदैव अपने मन में कुछ नया सीखने और करने की ललक रखनी चाहिए। कई लोग यह सोचने लगते हैं कि बहुत सीख लिया, अब और सीखकर क्या करना है। व्यक्ति की इस तरह की सोच उसके अंदर आगे बढ़ने की ललक को रोक देती है। चूँकि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। इसलिए सीखने की उम्र पर कोई सीमा निर्धारित नहीं करनी चाहिए और ज्ञान की प्यास हमेशा रखनी चाहिए। यही वो 2 चीज़ें हैं जिनकी वजह से आप कुछ अलग और नया करके खुद की एक अलग पहचान बना सकते हैं ताकि दुनिया के सभी लोग आपको प्रेरणा मानें।
जोश Talks स्पीकर आकाश मेहता ने कहा – “आपकी सबसे बड़ी चुनाती है कि आप खुद को खुद से बहतर बनाएं।”