रेप, बलात्कार, छेड़छाड़ ये सारे शब्द सुनते ही आप सभी को क्रोध आता होगा। हम सभी को घृणा होती है, निराशा होती है, गुस्सा भी आता है, लेकिन क्या हम इन सब को महसूस करने के अलावा कुछ और करते हैं। जवाब होगा हाँ, क्योंकि आपको लगता है कि सड़कों पर नारे लगाना, रैलियां निकालना, कैंडल मार्च करना यह सब इन समस्याओं का हल है। आप बिलकुल गलत सोचते हैं, इन सब को रोकने के लिए असल में क्या करना चाहिए, इसका उदाहरण हैं इंदौर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या गुप्ता। डॉ. दिव्या ने अपनी निराशा और क्रोध को ऐसे ही शांत नहीं होने दिया। उन्होंने इन सब घटनाओं से औरतों, लड़कियों को बचाने का अभियान शुरू किया।
इनकी प्रेरणादायक कहानी सुनने के लिए देखें यह वीडियो।
डॉ. दिव्या ने जस्टिस फॉर ज्वाला नाम के संस्थान को जन्म दिया, जो पीड़ित स्त्रियों के न्याय के लिए काम करता है, उन्हें खुद की आत्मरक्षा करना सिखाता है और उनके अधिकारों से अवगत कराता है। इतना ही नहीं यह संस्थान महिलाओं को शिक्षित करके उन्हें रोजगार भी दिलाता है।
ज्वाला के कुछ ऐसे किस्से हैं जहाँ उन्होंने साबित किया है कि वे औरतों को इन्साफ दिला रहे हैं । रमीला नाम की एक औरत जिसका पति उस पर रोज़ ही अत्याचार करता था, लेकिन पुलिस ने उसकी FIR दर्ज नहीं करी और फिर ज्वाला ने रमीला के पति को जेल की सजा दिलाई और आज रमीला ज्वाला का एक हिस्सा हैं। इसके अलावा ज्वाला ने एक 32 वर्षीय महिला सविता की मदद की, जिसका पति उसे पीटा करता था और मारने की धमकी दिया करता था। ज्वाला की टीम ने सविता को आवश्यक कानूनी सहायता, शिक्षा और परामर्श दिया। वह अब कॉलेज में एक शिक्षक हैं और स्वतंत्र रूप से अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं।
यह एक थप्पड़ है समाज के उस हर व्यक्ति पर जो बस तमाशा देखना जानता है।
जस्टिस फॉर ज्वाला के पीछे डॉ. दिव्या का मुख्य उद्देश्य कमजोर महिलाओं को अधिक सशक्त और आत्मविश्वासी बनाना है। ज्वाला की टीम में कुछ प्रशिक्षित पेशेवर हैं जो लड़कियों को आत्मरक्षा के तरीके सिखाते हैं। ज्वाला ने अब तक 75,000 से ज़्यादा लड़कियों को प्रशिक्षित किया है और आगे भी करता रहेगा।
डॉ. दिव्या का दुर्व्यवहार करने वालों के लिए केवल एक सन्देश है- “जिस क्षण आप हमें छूते हैं, हम एक ज्वाला बन कर आपको जला देंगे।”